Sunday, August 17, 2014

heart attack - दिल का दौरा

हम इस ब्लाग मे जो भी जानकारी दे रहे है, वो जानकारी इंटरनेट से निकाली गई है | इस मे हमारी व्यक्तिगत कोई भी लेख नही है |

परिचय-
कभी-कभी, सड़क पर सामान्य रूप से चलने वाला व्यक्ति अचानक अपनी छाती पकड़कर नीचे गिर पड़ता है। नजदीक जाकर, उसका चेहरा देखते ही आप चौंक पड़ते हैं। उसके चेहरे से उसकी तेज पीड़ा का आभास हो जाता है। उसका चेहरा पसीने से तर और सांस उखड़ी हुई होती है। ऐसा लगता है कि वह उल्टी करने की कोशिश कर रहा हो। उसकी हालत देखकर उसे देखने वाले व्यक्ति एकाएक कह उठते हैं कि ‘इसे दिल का दौरा पड़ गया है’। वास्तव में ये सब लक्षण दिल के दौरे के ही हैं और अगर ऐसी अवस्था में पीड़ित को तुरंत प्राथमिक उपचार न दिया जाए, तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।



दिल का दौरा किसी भी उम्र के व्यक्ति को पड़ सकता है, लेकिन बूढ़े व्यक्ति इससे ज्यादा ग्रस्त होते हैं। 40 से 70 वर्ष की आयु के बीच दिल का दौरा पड़ने की अधिक आशंका रहती है। इसके साथ ही स्त्रियों की अपेक्षा पुरूष इससे अधिक पीड़ित होते हैं। दिल के दौरे (हार्ट अटैक) को ‘हृद्पेशी रोधगलन’ (कार्डिक इंफाक्ट); ‘हृद्धमनी अंतर्रोध’ (कोरोनरी ऑक्लूजन), ‘हृद्धमनी थ्रॉम्बोसिस’ (कोरोनरी थ्रॉम्बोसिस) अथवा ‘तीव्र हृद्पेशी रोधगलन’ (एक्यूट मायोकार्डियल इंफाक्शन) भी कहते हैं। ये दिल का सबसे गंभीर रोग हैं। इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं....................................................................................................................................................................................................more

No comments:

Post a Comment

Thankyou For Your Comment